Monday, November 15, 2010

BAGLAMUKHI VAIDIK TRIPUR SUNDRI SAPT KOTI SADHNA

बगलामुखी महासाधना महाविद्याओं मैं से श्रेष्ठ साधना है, इस साधना के द्वारा वैदिक विधानों द्वारा करने से असंभव कार्य संभव हो सकता है. इस महाविद्या की उपासना प्राचीनकाल से ऋषि-महर्षियों ने वैदिक विधानों द्वारा साधना सिद्धकर अपने संकल्पनिष्ठ, कर्मनिष्ठ, ब्रह्मनिष्ठ शिष्यों को गुरु परंपरा के द्वारा प्रदानकर वर्तमान समय में इस विद्या के द्वारा अनेकानेक अचूक प्रयोगों के द्वारा अपने कार्यों की सिद्धि की हैं.
मुगलकाल समय में इस विद्या का प्रयोग होता रहा प्राचीन समय से ही स्थापित शक्तिपीठ डोंगरगढ़(छत्तीसगढ़), दतिया(मध्यप्रदेश) में इसका केंद्र रहा है.

No comments:

Post a Comment